माँ दुर्गा की छठी शक्ति कात्यायनी माता (Katyayani Mata) की कैसे करें पूजा, क्या है व्रत कथा, जानिए क्यों कही जाती है महिषासुर वर्दिनी

Katyayani Mata ki pooja

कात्यायनी माता (Katyayani Mata) का स्वरुप

कात्यायनी माता (Katyayani Mata) की पूजा विधि

  1. सुबह जल्दी उठ कर स्नान करके स्वच्छ कपडे पहने।
  2. माँ की प्रतिमा को गंगाजल से स्नानं कराये।
  3. कात्यायनी माता को पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें।
  4. माता को लाल पुष्प अर्पित करें, रोली या कुमकुम लगाए और फल व् मिष्ठान  का भोग लगाए।
  5. माँ कात्यायनी को शहद अर्पित अवश्य करें, इससे आपको सुन्दर रंग की प्राप्ति होगी। (मान्यता अनुसार)
  6. अंत में आरती करें और भूल चूक की माता से माफ़ी मांग कर अपनी मनोकामना माँ से मांगे।

कात्यायनी माता (Katyayani Mata) की कथा

कात्यायनी माता की आरती

जय जय अम्बे जय कात्यायनी। जय जग माता जग की महारानी॥

बैजनाथ स्थान तुम्हारा। वहावर दाती नाम पुकारा॥

कई नाम है कई धाम है। यह स्थान भी तो सुखधाम है॥

हर मन्दिर में ज्योत तुम्हारी। कही योगेश्वरी महिमा न्यारी॥

हर जगह उत्सव होते रहते। हर मन्दिर में भगत है कहते॥

कत्यानी रक्षक काया की। ग्रंथि काटे मोह माया की॥

झूठे मोह से छुडाने वाली। अपना नाम जपाने वाली॥

बृहस्पतिवार को पूजा करिए। ध्यान कात्यानी का धरिये॥

हर संकट को दूर करेगी। भंडारे भरपूर करेगी॥

जो भी माँ को भक्त पुकारे। कात्यायनी सब कष्ट निवारे॥

कात्यायनी माता की पूजा मंत्र

कात्यायनी माता की प्रार्थना

कात्यायनी माता की स्तुति

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