करवा चौथ का व्रत (Karwa Chauth Ka Vrat) रखने से पहले रख ले इन बातों का ध्यान नहीं तो हो सकता है बड़ा नुकसान, जानिए विस्तार से

karwa chauth ka vrat

करवा चौथ का व्रत (Karwa Chauth Ka Vrat) किन महिलाओं को नहीं रखना चाहिए ?

  1. गर्भवती महिलाओं को करवा चौथ का व्रत नहीं रखना चाहिए क्योंकि करवा चौथ का व्रत (Karwa Chauth ka Vrat) निर्जल व्रत होता है इसे रखने से अजन्मे बच्चे को नुकसान हो सकता है।
  2. स्तनपान करने वाली महिलाओं को भी करवा चौथ का व्रत नहीं करना चाहिए। स्तनपान करने वाली महिलाओं को पर्याप्त पोषण की आवश्यकता होती है ताकि बच्चे को पूरा दूध माँ से मिल सके।
  3. दिल की बीमारी से ग्रसित महिलाओं को करवा चौथ का व्रत नहीं करना चाहिए। निर्जला व्रत करने से ह्रदय गति और ब्लड प्रेशर में बदलाव हो सकता है, जिससे अटैक होने का खतरा रहता है।
  4. शुगर की बीमारी जिन महिलाओं को है उन्हें भी करवा चौथ का व्रत न करने की सलाह दी जाती है क्योंकि निर्जला व्रत करने से ब्लड शुगर बहुत कम होने का खतरा बढ़ जाता है। जिससे स्वस्थ्य संबंधी कई गंभीर समस्या हो सकती हैं।
  5. जिन महिलाओं को अन्य गंभीर स्वास्थ्य सम्बन्धी बीमारी जैसे की किडनी, लिवर, एनीमिया आदि बीमारी हो, उन्हें भी करवा चौथ का निर्जल व्रत ना करने की सलाह दी जाती है।

क्या कुँवारी लड़किया करवा चौथ का व्रत (Karwa Chauth Ka Vrat) रख सकती हैं ?

शास्त्रों में इस बात का कहीं भी उल्लेख नहीं मिलता है की कुँवारी लड़किया भी करवा चौथ का व्रत कर सकती है, ये व्रत पति की लम्बी उम्र की कामना के लिए किया जाता हैं। कुछ मान्यताओं के आधार पर कुँवारी लड़किया भी करवा चौथ का व्रत करती है:-

  1. मान्यता है की करवा चौथ का व्रत करने से कुँवारी लड़कियों को मनचाहा पति मिल जाता है।
  2. मान्यता है की जिन लड़कियों की सगाई हो चुकी है वो अपने होने वाले पति की लम्बी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत कर सकती है।
  3. मान्यता है की करवा चौथ का व्रत करने से कुँवारी लड़कियों को करवा माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है और सेहत में भी सुधर होता है।

कुवांरी लड़किया कैसे करे करवा चौथ का व्रत (Karwa Chauth Ka Vrat)

  1. कुंवारी लड़की को सरगी नहीं मिलती क्योंकि सरगी सुहागन को मिलती है, इसलिए कुवांरी लड़कियों को सुहागन का सामान भी दान नहीं करना चाहिए।
  2. इस दिन कुवांरी लड़किया निर्जल की जगह निराहार व्रत कर सकती है और चाँद की जगह तारों को देख कर व्रत खोल सकती है।
  3. तारें देखने के लिए चलनी की आवश्यकता नहीं होतो क्योकि चलनी में उन्हें किसी की सूरत नहीं देखनी होती।
  4. चाँद की जगह तारों को अर्ध्य दें।
  5. शिव और पार्वती माता का पूजन करें और और उनको मीठे पकवान का भोग लगाएं। इन्हीं पकवान से करवा चौथ के व्रत का पारण करना चाहिए। माँ पार्वती से प्रार्थना करनी चाहिए की उसके होने वाले पति की उम्र लम्बी हो।
  6. कुंवारी लड़कियों को सुहागिन महिलाओं की तरह श्रृंगार नहीं करना चाहिए। कुंवारी लड़कियां सुहाग के रंग जैसे लाल, पीला, हरा आदि रंग के नए वस्त्र पहन सकती हैं और सादगी के साथ इस व्रत को पूर्ण करना चाहिए और विवाहित महिलाओं के हाथों से मेहंदी लगवानी चाहिए।

क्या मासिक धर्म (पीरियड्स) के दौरान करवा चौथ व्रत (Karwa Chauth Ka Vrat) कर सकते हैं ?

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