Sambhal Jama Masjid – 19 नवंबर को स्थानीय अदालत ने संभल के चंदौसी में स्थित मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था। ये आदेश एक याचिका जिसमें दावा किया गया था कि 1529 में यहां मस्जिद बनाने के लिए एक मंदिर को ध्वस्त किया गया था। सर्वे के दौरान मस्जिद में बहुत बड़ी हिंसा हुई।
उत्तर प्रदेश के संभल में इस समय जामा मस्जिद (Sambhal Jama Masjid) को लेकर हिंसा का माहौल बना हुआ है। 19 नवंबर को संभल की जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए कोर्ट के आदेश के बाद सर्वे किया गया, जिसके बाद रविवार को दोबारा सर्वे करने के दौरान हिंसा भड़क गई, 4 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। तनाव को देखते हुए संभल में 12वीं तक के स्कूल और इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई।
संभल जामा मस्जिद (Sambhal Jama Masjid) के खिलाफ याचिकाकार्ता कौन है?
संभल कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले 8 याचिकाकर्ता हैं। इसमें वरिष्ठ वकील हरिशंकर जैन, संभल के कैला देवी मंदिर के महंत ऋषिराज गिरि, पार्थ यादव, वेद पाल सिंह, राकेश कुमार, जीत पाल यादव, मदनपाल, दीनानाथ शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट के वकील हरि शंकर जैन की और से उनके बेटे विष्णु शंकर जैन ने वाद दाखिल किया है।
इस मामले में वकील विष्णु शंकर जैन ने दावा किया है कि संभल में जामा मस्जिद (Sambhal Jama Masjid) की जगह हरिहर मंदिर था, जिसे तोड़कर मस्जिद बनाई गई है। विष्णु शंकर जैन ने दावा किया कि इतिहास में इस बात का प्रमाण है कि 1529 में बाबर ने हरिहर मंदिर को मस्जिद में बदल दिया था, जिसका जिक्र बाबरनामा में भी मिलता है। उन्होंने आगे कहा कि ये भी मान्यता है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार इसी जगह पर होगा। इसलिए यह स्थान हिंदू समाज के लिए पूजा का महतवपूर्ण स्थल है।
संभल जामा मस्जिद (Sambhal Jama Masjid) की तरफ से कोर्ट में क्या कहा गया?
संभल जामा मस्जिद (Sambhal Jama Masjid) की तरफ से वकील जफ़र अली ने कहा कि 19 नवंबर को जामा मस्जिद की जांच के लिए कोर्ट कमिश्नर आए थे। उन्होंने मस्जिद का सर्वे किया और उन्हें कोई कमी नहीं मिली। ये याचिका बेबुनियाद है, चुनावी एजेंडा है और इससे ज्यादा कुछ नहीं।
संभल के समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि जामा मस्जिद में अचानक सर्वे करना सबको अचंबित करता है। ये एक ऐतिहासिक स्थल है, यहां मस्जिद है और मस्जिद ही रहेगी। धर्मस्थलों को लेकर जो कानून है उसका पालन नहीं किया जा सकता।
सर्वे के दौरान हिंसा क्यों हुई?
19 नवंबर को कोर्ट ने रमेश सिंह राघव को सर्वे कमिश्नर नियुक्त किया और मस्जिद की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करने का आदेश दिया। 19 नवंबर को ही स्थानीय पुलिस और प्रबंध समिति की मौजूदगी में सर्वे किया गया। पहले दिन के सर्वे के बाद कोर्ट कमिश्नर ने बताया कि सर्वे अभी प्राथमिक तौर पर हुआ है, अभी सर्वे की प्रक्रिया जारी रहेगी और उसके बाद ही कोर्ट में रिपोर्ट पेश की जाएगी।
24 नवंबर को टीम सर्वे के लिए दोबारा मस्जिद पहुंची। वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने सर्वे के बारे में ANI को बताया कि 19 नवंबर को कोर्ट के आदेश के अनुपालन में कमिश्नर द्वारा रविवार को सुबह 7:30 बजे से 10 बजे तक दूसरे दिन का सर्वे किया गया। कोर्ट द्वारा निर्देशित वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी का अनुपालन किया गया है और अब यह सर्वे पूरा हो गया है, इसकी रिपोर्ट 29 नवंबर को कोर्ट में पेश की जाएगी।
रविवार को सुबह अचानक मस्जिद में सर्वेक्षण करने के लिए टीम के आने पर भीड़ मस्जिद में जुट गई और मस्जिद के अंदर दाखिल होने की कोशिश की गई। रोकने पर पुलिस पर पथराव किया गया, हिंसा हुई भीड़ ने पुलिस की गाड़ी समेत कई वाहनों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। इसी बीच फायरिंग भी शुरू हो गई, पुलिस ने कई गैस के गोले और लाठीचार्ज करके भीड़ को काबू में किया। हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए।
Sambhal Jama Masjid हिंसा के पीछे कारणों का पता लगाया जा रहा है और दोषियों पर कार्यवाही की जा रही है। ताज़ा अपडेट के लिए बने रहें “ट्रेंडिंग ग्लोबल न्यूज़” के साथ।