शुक्रवार की रात झाँसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल हॉस्पिटल (Maharani Laxmibai Medical Hospital) के NICU वार्ड में आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गयी।
उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक शनिवार की सुबह झांसी पहुंचे और बताया कि वार्ड में 55 बच्चे भर्ती किये गए थे जबकि वार्ड में केवल 18 बेड की अनुमति है। साथ ही उन्होंने 10 शिशुओं की मृत्यु की पुष्टि की।
झांसी के महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल हॉस्पिटल (Maharani Laxmibai Medical Hospital) के नवजात शिशु गहन चिकित्सा वार्ड (NICU) में भीषण आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की झुलसने एवं दम घुटने से मौत हो गई। जिस वार्ड में आग लगी थी, बताये जा रहा है की वहां 55 नवजात भर्ती थे। 45 नवजात को सुरक्षित निकाल लिया गया। 18 बेड वाले वार्ड में एक बेड पर 3 से 4 नवजात भर्ती थे।
क्या वजह थी आग लगने की?
शुक्रवार की रात करीब 11:45 पर शिशु वार्ड से धुआं निकलता देखा गया। वहां मौजूद लोगों ने आग लगने की वजह शार्ट सर्किट को बताया। जब शिशु वार्ड में शार्ट सर्किट हुआ तब वार्ड में ऑक्सीजन ऑन थी जिससे वहां एडमिट शिशुओं को ऑक्सीजन दी जा रही थी। ऑक्सीजन के पाइप भी लूस थे जिस वजह से जल्दी ही आग पूरे वार्ड में फ़ैल गयी। वार्ड का एंट्री गेट भी ठीक से नहीं खुल रहा था और एग्जिट गेट पर टाला लगा हुआ था, जिस कारण बच्चों को रेस्क्यू करने में बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ा।
यूपी के झांसी मेडिकल कॉलेज के चिल्ड्रेन वॉर्ड में आग लग गई जिससे 10 नवजात बच्चे ज़िंदा जल गए. बहुत पीड़ा होती हैं सुनकर सब राम भरोसे है सरकारी सिस्टम में.
— Shyamu Yadav (@ShyamuY07416663) November 16, 2024
बताइए कौन देगा इन पीड़ितों को जवाब?ये बहुत वीभत्स घटना है. इस घटना ने सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था की सारी पोल खोल कर रख दी. pic.twitter.com/rUPzxFK4Ph
बताया जा रहा है की जब आग लगी तो फायर अलार्म नहीं बजा। जब नर्स के बुलाने पर कृपाल नाम का आदमी अपने नवजात को दूध पिलाने वार्ड में गया तो उसने देखा की पूरा वार्ड आग की आगोश में समा रहा था, बेड जल रहे थे, वहां मौजूद नर्स जल रही थी, उसने मौके पर 20 बच्चों को रेस्क्यू किया।
हॉस्पिटल प्रबंधन की लापरवाही से हुआ हादसा
शुक्रवार आधी रात से कुछ घंटे पहले, ग्वालियर से लगभग 100 किलोमीटर दूर झांसी शहर में त्रासदी हुई, जब एक सरकारी अस्पताल (Maharani laxmibai Medical Hospital) में भीषण आग लगने से NICU जलकर खाक हो गई और 10 शिशुओं की मृत्यु हो गयी।
इस हादसे का जिम्मेदार महारानी लक्ष्मीबाई हॉस्पिटल (Maharani Laxmibai Medical Hospital) का प्रबंधन है। जानिए कैसे :-
- जब NICU 18 बेड का था तो उसमे 55 बच्चों को क्यों भर्ती किया हुआ था? छोटे वार्ड में ज्यादा बच्चों के होने से वार्ड का तापमान संतुलित नहीं था जो एक कारण हो सकता है ऑक्सीजन से भरे वार्ड में आग लगने का।
- अस्पताल में फायर अलार्म खराब थे, जिस वजह से आग लगने का पता देर से चला।
- Maharani Laxmibai Medical Hospital में रखें फायर एक्सटिंग्विशर भी एक्सपायर हो चुके थे, आग बुझाने वाले सिलेंडर की फिलिंग डेट 2019 और उसकी एक्सपायरी डेट 2020 थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार सुबह झांसी के अस्पताल (Maharani laxmibai Medical Hospital) में लगी भीषण आग में हुई मौतों पर शोक जताया, जहां बच्चों के वार्ड में 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई। प्रधानमंत्री ने आगे आश्वासन दिया कि उत्तर प्रदेश सरकार की निगरानी में स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है और एक्स (ट्विटर) पोस्ट के जरिये उन्होंने कहा, “दिल दहला देने वाली घटना! उत्तर प्रदेश के झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने की घटना दिल दहला देने वाली है। इस दुर्घटना में अपने मासूम बच्चों को खोने वाले लोगों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वे उन्हें इस अपार दुख को सहने की शक्ति प्रदान करें।”
वहीँ इस हादसे पर राजनीती भी जम कर चल रही है, सभी विरोधी पार्टी के निशाने पर बीजेपी आ गयी है और योगी आदित्यनाथ से इस्तीफे की मांग कर रही है। अखिलेश यादव ने तो पीड़ित परिवारों के लिए 1 करोड़ की राशि प्रति पीड़ित परिवार की मांग सरकार से की है जो उनकी सरकार ने कभी नहीं दिया और न कभी आगे दे सकती है। पीड़ित परिवारों को मुद्दा बनाकर सरकार को घेरा जा रहा है।
हमेशा से यही होता है, समाज में ऐसे हादसे होते आये हैं। आम आदमी, चाहे किसी भी वर्ग का क्यों न हो उनके दुःख दर्द का पोलिटिकल पार्टीज फायदा ही उठाती रही हैं और ऐसे ही राजनीती करती रही हैं। ये बहुत शर्मनाक है !