अनंत चतुर्दशी 2024 – अनंत चतुर्दशी व्रत कथा, व्रत पूजा विधि, नियम और इस दिन करे नमक से परहेज

इस विधि से करें अनंत चतुर्दशी का व्रत

  • पूजा में रोली, मोली, चंदन, फूल, अगरबत्ती, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग) आदि का प्रयोग करना चाहिए और प्रत्येक को समर्पित करते समय “ऊँ अनन्ताय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।
  • पूजा के बाद यह प्रार्थना करें- नमस्ते देवदेवेशे नमस्ते धरणीधर। नमस्ते सर्वनागेंद्र नमस्ते पुरुषोत्तम।। न्यूनातिरिक्तानि परिस्फुटानि। यानीह कर्माणि मया कृतानि।। सर्वाणि चैतानि मम क्षमस्व। प्रयाहि तुष्ट: पुनरागमाय।। दाता च विष्णुर्भगवाननन्त:। प्रतिग्रहीता च स एव विष्णु:।। तस्मात्तवया सर्वमिदं ततं च। प्रसीद देवेश वरान् ददस्व।।
  • प्रार्थना के बाद कथा सुनें तथा रक्षासूत्र पुरुष दाएं हाथ में और महिलाएं बाएं हाथ में बांध लें। रक्षासूत्र बांधते समय इस मंत्र का जाप करें- अनन्तसंसारमहासमुद्रे मग्नान् समभ्युद्धर वासुदेव। अनन्तरूपे विनियोजितात्मामाह्यनन्तरूपाय नमोनमस्ते।।
  • इसके बाद ब्राह्मण को भोजन कराकर व दान देने के बाद स्वयं भोजन करें। इस दिन नमक रहित भोजन करना चाहिए।

अनंत चतुर्दशी व्रत कथा

अनंत चतुर्दशी पर करें विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ

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