PM Narendra Modi ने हाल ही में अपने पहले Podcast में हिस्सा लिया, जहाँ उन्होंने ज़िंदगी के अनुभव, चुनौतियों और देश सेवा की प्रेरणा के बारे में दिलचस्प बातें साझा कीं। ज़ेरोधा के को-फाउंडर निखिल कामथ के साथ बातचीत में पीएम मोदी ने 2002 के गोधरा कांड, अमेरिका द्वारा 2005 में वीज़ा न देने और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से जुड़े रोचक किस्से सुनाए।

गोधरा कांड और प्रधानमंत्री की संवेदनशीलता
PM Narendra Modi ने गोधरा कांड का जिक्र करते हुए कहा, “27 फरवरी 2002 को मैं गुजरात विधानसभा में था, जब ट्रेन में आग लगने की खबर आई। जब मैंने गोधरा पहुंचकर मंजर देखा, वह दर्दनाक था। मुझे एहसास हुआ कि मेरी भावनाओं को काबू में रखना होगा क्योंकि मैं मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी निभा रहा था। मैं इंसान हूं और मैंने सब महसूस किया, लेकिन मुझे अपनी भूमिका निभानी थी।”
अमेरिका का वीज़ा इनकार और भारत का गर्व
PM Narendra Modi ने 2005 में अमेरिकी वीज़ा इनकार पर बात करते हुए कहा, “मुझे व्यक्तिगत तौर पर वीज़ा न मिलने का फर्क नहीं पड़ा, लेकिन मैंने इसे देश का अपमान समझा। उस समय मैंने कहा था कि एक दिन ऐसा आएगा जब दुनिया भारत के वीज़ा के लिए कतार में खड़ी होगी। आज 2025 में, वह सपना सच हो गया है।”
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— Narendra Modi (@narendramodi) January 10, 2025
राजनीति और आलोचना का सामना कैसे करें?
निखिल कामथ ने सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव पर सवाल किया, तो पीएम मोदी ने अहमदाबाद की एक कहानी सुनाते हुए बड़े ही दिलचस्प अंदाज़ में जवाब दिया। उन्होंने कहा, “एक अहमदाबादी व्यक्ति से जब कोई बहस कर रहा था और उसे गालियाँ दे रहा था, तो वह चुपचाप खड़ा रहा। किसी ने पूछा कि वह शांत क्यों है, तो उसने कहा, ‘वह सिर्फ दे रहा है, ले थोड़ी रहा है।’”
PM Narendra Modi ने कहा कि राजनीति में आलोचना से घबराने की बजाय उसे समझदारी से लेना चाहिए। “अगर कोई गाली दे रहा है, तो यह ज़रूरी है कि उसमें सच्चाई हो। दिल में बुराई न हो, यही सबसे अहम बात है,” उन्होंने कहा।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से जुड़ा एक किस्सा
PM Narendra Modi ने बताया कि जब वे 2014 में प्रधानमंत्री बने, तो शी जिनपिंग ने भारत दौरे की इच्छा जताई। उन्होंने कहा, “शी जिनपिंग ने मुझसे कहा कि वह मेरे गाँव वडनगर आना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘आपके गाँव में चीनी दार्शनिक ह्वेनसांग लंबे समय तक रहे और जब वे चीन लौटे, तो मेरे गाँव में ठहरे। इससे हमें एक विशेष संबंध महसूस होता है।’”
“मैं इंसान हूँ, भगवान नहीं”
PM Narendra Modi ने अपनी ज़िंदगी का एक मंत्र साझा करते हुए कहा, “जब मैं मुख्यमंत्री बना, तब मैंने कहा था कि मैं कठिन परिश्रम से नहीं भागूंगा। मैं गलतियाँ कर सकता हूँ क्योंकि मैं इंसान हूँ, भगवान नहीं। लेकिन मेरी नीयत कभी गलत नहीं होगी। यही मेरे जीवन का मूल मंत्र है।”
पॉडकास्ट का अंत: प्रेरणा और सीख
दो घंटे के इस पॉडकास्ट में PM Narendra Modi ने अपने बचपन, शिक्षा, राजनीति में आने के सफर, तनाव से निपटने के तरीके और नीतियों के प्रबंधन पर खुलकर चर्चा की। निखिल कामथ की हिंदी की झिझक पर मोदी जी ने मज़ाकिया अंदाज़ में कहा, “हम दोनों ऐसे ही काम चला लेंगे।”
यह पॉडकास्ट न केवल प्रधानमंत्री के जीवन के संघर्षों और अनुभवों की झलक देता है, बल्कि पाठकों को प्रेरणा भी देता है कि कैसे संवेदनशीलता, कड़ी मेहनत और सकारात्मक सोच के साथ हर चुनौती का सामना किया जा सकता है।