देश के कोने कोने में आज कल “गणपति बप्पा मोरया” के जयकारे गुज रहे हैं। अब गणपति विसर्जन में कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। 10 दिन तक बप्पा को घर में रखने के बाद अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी का जल में विसर्जन कर दिया जाता है। इस साल गणपति विसर्जन 17 सितम्बर को मंगलवार के दिन किया जायेगा।
गणपति विसर्जन क्यों किया जाता है ?
हम सब हर साल गणपति विसर्जन करते हैं, क्या हम सभी जानते हैं की क्यों गणेश जी की मूर्ति का 10 दिन में ही जल में विसर्जन किया जाता है ? तो चलिए जानते हैं कि क्यों किया जाता है गणपति विसर्जन ?
पौराणिक कथा के अनुसार ऐसा माना जाता है कि श्री वेद व्यास जी ने गणेश जी से महाभारत की कथा को लिपिबद्ध करने का अनुरोध किया। भगवान् श्री गणेश ने उनकी विनती स्वीकार कि लेकिन उन्होंने महाभारत को लिपिबद्ध करने के लिए एक शर्त रखी थी। भगवान गणेश ने कहा था कि अगर वह एक बार लिखना शुरू करेंगे तो अपनी कलम नहीं रोकेंगे। अगर कहीं कलम रुक गई तो वह भी वहीं पर लिखना भी बंद कर देंगे।
जिसके बाद महर्षि वेदव्यास ने भगवान से प्रार्थना करते हुए कहा कि वह तो एक साधारण ऋषि हैं और अगर श्लोकों के दौरान उनसे कोई गलती हो जाए तो बप्पा उसे ठीक करते हुए लिपिबद्ध करते जाएं।
जिसके बाद गणेश चतुर्थी के दिन से ही महाभारत लेखन का कार्य कार्य प्रारम्भ किया। इसे पूरा होने में करीबन 10 दिन लग गए।
जिस दिन गणेश जी ने महाभारत लेखन का कार्य पूरा किया, उस दिन अनंत चतुर्दशी थी। लेकिन लगातार दस दिनों तक बिना रूके लिखने के कारण भगवान गणेश का शरीर जड़वत हो चुका था। उनके शरीर पर धूल-मिट्टी भी जम गई थी। जिसके बाद, भगवान गणेश ने सरस्वती नदी में स्नान करके धूल-मिट्टी को साफ किया। यही कारण है कि गणपति स्थापना 10 दिन के लिए की जाती है और फिर 10 दिनों के बाद अनंत चतुर्दशी पर गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन करते हैं।
13 सितंबर को गणेश विसर्जन करने वाले जान ले शुभ मुहूर्त-
13 सितम्बर को गणेश उत्सव का सातवाँ दिन है, कुछ भक्त सातवें दिन गणपति बप्पा का विसर्जन करते हैं। अगर आप भी आज यानि 13 सितम्बर को विसर्जन करते हैं तो जाने क्या है शुभ मुहूर्त :-
द्रिक पंचांग के अनुसार, 13 सितम्बर, दिन शुक्रवार को गणेश विसर्जन का प्रातः मुहूर्त सुबह 6 बज कर 4 मिनट पर प्रारम्भ होगा और सुबह 10 बज कर 43 मिनट तक रहेगा।
अपराह्न मुहूर्त दोपहर 12 बज कर 16 मिनट से 1 बज कर 49 मिनट तक रहेगा। इसके बाद का शुभ मुहूर्त शाम 4 बज कर 54 मिनट से 6 बज कर 27 मिनट तक रहेगा।
अनंत चतुर्दशी (11 वे दिन) गणपति विसर्जन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण
भाद्र पद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन गणेश जी की स्थापना के बाद शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी के दिन गणेश मूर्ति का विसर्जन किया जाता है, इस तिथि को अनंत चतुर्दशी कहा जाता है। इस वर्ष अनंत चतुर्दशी 17 सितम्बर मंगलवार के दिन रहेगी।
17 सितम्बर गणेश पूजा और विसर्जन के शुभ मुहूर्त
गणपति विसर्जन से पहले पूजा का शुभ मुहूर्त प्रातः 6 बज कर 7 मिनट से 11 बज कर 46 मिनट तक रहेगा।
गणपति विसर्जन का शुभ मुहूर्त
प्रातः मुहूर्त – सुबह 9:30 से दोपहर 02:04 के बीच
अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:11 से दोपहर 01 :01 के बीच
अपराह्न मुहूर्त (शुभ) – अपराह्न 03:36 से 05:07 के बीच
सायं मुहूर्त (लाभ) – रात्रि 08:07 से रात्रि 09:36 के बीच
ऊपर दिए गए शुभ मुहूर्त में किसी भी समय विसर्जन कर सकते है परन्तु हमारी सलाह है की अभिजीत मुहूर्त में ही विसर्जन करें। गणपति विसर्जन से पहले पूजा करनी चाहिए जिसका शुभ मुहूर्त भी हमने ऊपर दिया हुआ है।
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